ESR test in Hindi: दोस्तों हमारे शारीर में स्थित रक्त या पृथ्वी में स्थित कोई भी जिव का रक्त का रंग लाल ही होता है. लेकिन मनुष्य एक मात्र ऐसा जिव है जो सम्बेदंशील है, समझदार है अछा बुरा समझने की शक्ति रखता है. और इसीलिए मनुष्य अपने आप को तंदुरस्त रखने केलिए या बिमारिओं से बचने केलिए कई तरह का टेस्ट करता है.
हमारे मेडिकल बिज्ञान इतना उन्नत हो चूका है की आज के समय में कोई भी बीमारी का इलाज कर सकता है. हलाकि कुछ बिमारिओं का कोई इलाज नही है और इसीलिए अगर बीमारी के आने से पहेले उसके बारे में पता चल सके तो हम उससे बच सकते है और ESR test भी इसीलिए ही किआ जाता है.
आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले है की ESR test क्या है इसे क्यों किआ जाता है, आजका यह लेख आपको ESR test in hindi के बारे में पूरी तरह से अवगत कराने वाला है, तो बने रहें हमारे साथ और चलिए साथ मिलकर जानते है.
नमस्कार मित्रों मेरा नाम है विस्वनाथ धिन्दा और में एक पेशेवर ब्लॉगर हूँ, मेने कई ऐसे Website बनाये हुए है जहाँ पर मैं लोगों तक जानकारी पहूँचाने की प्रयाश करता हूँ अगर आपको हमारे यह लेख भी पसंद अत है तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरुर करें.
ESR test in Hindi
ESR test एक सामान्य परीक्षण है जिससे हमें यह पता चलता है की हमारे शारीर में कोई समाश्या है या नही, यानि की यह हमें आने वाले बिमारिओं के बारे में अवगत कराता है, जिससे हम उसके लिए अपने आपको तेयार कर सके, ESR test in hindi लेबल अगर जादा हो तो चिकित्सक हमें दूसरा गंभीर परीख्यण करने की सुझाव देते है.
इस ESR test in hindi का वेसे तो कोई जादा जरुरत नही है परन्तु अपने शारीर को सदेव तंदुरस्त रखने केलिए आपको यह करना चाहिए, क्योंकि, नजाने कब और कोंसी बीमारी आपको अपने बाँहों में काश लें यह पता नही है, उदहारण केलिए आप COVID 19 को देख सकते है जिसने पुरे विश्व में हा हाकार मचा दिया था, ESR test in hindi हमें हमारे शारीर के अन्दर कोई इन्फेक्शन या कोई गेर जिव के बारे में अवगत करता है.
ESR का Full form
ESR का Full form है “Erythrocyte Sendimetation Rate“
ESR का 3 फार्मूला होता है, जेसा की आप निचे छबि में देख सकते है पहेला E का मतलब Erythrocyte मतलब RBC “Red Blood Cells“. S का मतलब है Sendimetation मतलब निचे बेठना या सेतले होना और R का मतलब है Rate – मतलब कुल परिणाम, मतलब RBC के निचे बेठने के डर को ESR कहा जाता है.
ESR test केसे किआ जाता है?
अभी तो आपने जाना की ESR का सही मतलब क्या है अब जानते है की यह test को केसे किआ जाता है, इस test को करने केलिए ब्यक्ति का रक्त का नमूना लिया जाता है, जेसे बचपन में हमारे लिए जाते थे टिका के समय, “ सच बताना मित्रों क्या आपको भी डर लगता था और क्या आप भी रोने लगते थे” हमें कमेंट करके अबश्य सूचित करें.
मजाक को चोदिये और असली मुद्दे पर आते है रक्त का नमूना लेने के बाद उसे एक लम्बी और पतली Tube में दल दिया जाता है और फिर एक घंटे तक उसे देखा जाता है की कितने समय में आपके रक्त कोशिकाएं निचे बेठी, और अंत में उस समय को गिनती करके आपको परिणाम बता दिया जाता है.
यह बहुत ही सरल और कारगर उपाय है यह जानने का की आपके शारीर में कोई समाश्या है या नही या फिर कोई समस्या आने वाली है या नही.
अब ESR test in hindi को दो तरीके से किआ जाता है एक है Westergreen और दूसरा है Wintrobe तरीका यह अलग अलग चिकिस्चा केंद्र में अलग अलग तरीके से भी किए जाते है और हर तरीकों का परिणाम भी अलग अलग है, परन्तु Westergreen तरीका को जादा अच्छा मन जाता है.
ESR टेस्ट से पहले क्या करे:
इस बारे में जादा कुछ करने की अबश्य्कता नही है बस कुछ चीजों का ध्यान जरुर रखें जिनके बारे में हमने आपको निचे बिस्तार से बताया हुआ है.
- अगर आप गर्भवती है तो ESR test in hindi करने से पहेले अपने चिकिस्चक से परामर्श जरुर लें.
- अगर आप कोई दबाई खा रहे है या आप कोई ऐसे प्रोटीन पाउडर भी खा रहे है तो इसके बारे में आपको अपने चिकिस्चक को बताना है.
- एण्ड्रोजन, जैसे टेस्टरोस्टोन (Testosterone), हेरोइन (Heroin), प्रेडनिसोन (Prednisone), एस्ट्रोजन (Estrogen), फेनीटोइन (Phenytoin), मेथाडोन (Methadone), प्रेडनीसोन (Prednisone), फेनाथायजिन्स (Phenothiazines) जेसी दवाइया ESR test in hindi में प्रवाब दल सकती है.
ESR test की लेबल कितना होना सही है?
- जन्म के उपरांत एक बच्चे की नार्मल ईएसआर रेंज 2 Mm/Hr के आस-पास होना चाहिए।
- जो बच्चे युवा अवस्था में प्रवेश करने वाले होते है उनकी नार्मल ईएसआर रेंज 2 से लेकर 13 Mm/Hr के अंदर होना चाहिए।
- अगर किसी महिला की आयु 50 वर्ष से कम है तो उसका ESR 20 Mm/Hr तक होना चाहिए।
- किसी महिला की उम्र 50 वर्ष से ज़्यादा हो चुकी है तो उसका ईएसआर परीक्षण नार्मल रेंज ESR 30 Mm/Hr तक होना चाहिए।
- एक पुरूष की उम्र 50 वर्ष से कम होने की स्थिति में उसका ESR 15 Mm/Hr के आस-पास होना चाहिए।
- किसी पुरूष की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो जाती है तो उसका ईएसआर परीक्षण नार्मल रेंज 20 Mm/Hr के आस-पास होना चाहिए।
सामान्य ESR टेस्ट
अब हम आपको बताते हैं कि यह ESR टेस्ट को किस तरह से मापा जाता है ESR टेस्ट टेस्ट को मापने के बाद उसका जो रिजल्ट आता है वह मिमी / घंटा या प्रति घंटे मिलीमीटर मापा जाता है जैसे
- 50 वर्ष से कम उम्र के महिलाओं को 20 मिमी / घंटा के अनुसार ESR होना चाहिए।
- 50 वर्ष से कम उम्र के पुरुष के पास 15 मिमी / घंटा के अनुसार एक ESR होना चाहिए।
- 50 वर्ष से अधिक उम्र के महिलाओं को 30 मिमी / घंटा के अनुसार एक ESR होना चाहिए।
- 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के पास 20 मिमी / घंटा के अनुसार एक ESR होना चाहिए।
- नवजात शिशुओं को 2 मिमी / घंटा के अनुसार एक ESR होना चाहिए।
ESR के बढ़ने के कारण
ESR लेवल बढ़ने के कई कारण हो सकता है, और उन सभी के बारे में आपको ज्ञात होना चाहिए तो चलिए इस बात से आपको परिचय कराते है की ESR Kyu Badhta Hai? और ईएसआर के लक्षण क्या क्या है?
प्रेगनेंसी की अवस्था में ESR का बढ़ने का सबसे जादा अबसर होता है, क्योकि यह सबसे नाजुक अबस्था होता है, उशी तरह बुढ़ापे की स्थिति में भी ESR बढ़ सकता है, इसके अलावा खून की कमी होने के कारण, थाइराइट की समस्या होने पर, लिंफोमा की वजह से, गठिया की समस्या होने पर, शरीर की माशपेसियां और जोड़ों में दर्द होना यह सभी अबस्था में ESR बढ़ सकता है.
लेकिन इसकी कोई निश्चित सम्भावना नही है की इन्ही कारणों से ही ESR बढ़ता है, ऐसा भी हो सकता है आपके शारीर में ESR का बढ़ोतरी होने के पीछे कोई और वजह हो, इसीलिए आपको सबसे पहेले अपना चिकिस्चक का सलाह मन्ना चाहिए कोई भी internet में स्थित जन्करिओं को अनुशरण करते हुए आपको कोई गलत कदम नही उठाना चाहिए.
ESR बढ़ने से क्या होता है
ई.एस.आर. की संख्या जादा होने पर मनुष्य को कई तरह का बीमारी हो सकती हैऔर आपको इसकी संकेत पहेले से ही मिल जाया करती है परन्तु कई लोग इसे एक मामूली समस्या समझ कर टाल देते है, लेकिन आपको ऐसा नही करना चाहिए हम आपको बताते है की ESR बढ़ने से क्या क्या लक्षण देखने को मिलता है.
- एनिमिया (Anemia)
- सबसे जादा कोलेस्ट्राल (High Cholestrol)
- किडनी की बीमारी (Kidney disease)
- थॉयराइड बीमारी (Thyroid disease)
ESR घटने से क्या होता है
ESR बढ़ने से तो बिमारिया होती ही है लेक्लिन यह घटने पर भी बीमारी होती है मतलब यह बढे या घटे दोनों ही सूरत में बीमारी का आना तो निश्चित है, तो चलिए जानते है की ESR की घटने से क्या होता है.
- कन्जेस्टिव हार्ट फ्लोयर (Congestive Hear Failure – CHF)
- क्रोनिक फैटिग्यू सिन्ड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome)
- लॉ प्लाज्मा प्रोटीन (Low Plasma Protein)
- सिक्कल सेल एनिमिया (Sickle Cell Anemia)
- ऑटोइम्यून बीमारियां (Auto Immune Diseases)
- एलर्जी (Allergy)
- क्रैनियल धमनी (Cranial arteries)
- टेम्पोरल आर्थेराइटिस (Temporal arthritis)
- प्रोटीन फिबरिनोजन (Protein fibrinogen)
- संक्रमित बीमारियां (Infectious Disease)
- हड्डियों में संक्रमण (Bone Infection)
- ट्यूबर क्लोसिस (Tuber Culosis – T.B)
ESR का समाश्या से बचने के उपाय!
यह तो आपने जान लिया की ESR के बढ़ने या घटने पर बिमारिया होती ही है तो अब आपके मन में यह प्रश्न होगा की इसे केसे बचें क्योंकि यदि कोई बड़ी बीमारी शारीर में आजाती है तो उससे बचना कठिन हो जाता है, इसलिए मनुष्य को सदेव अपने सेहत का ध्यान रखना चाहिए, परन्तु समस्या यह है की आजका पीढ़ी यह सब करने में सख्स्यम नही है, किन्तु फिर भी हम आपको कुछ तरीका बताने जा रहे है जिससे आप ESR बढ़ने और घटने जेसे दोनों समस्या से बच सकते है.
योगा/ध्यान:
पुरातन काल में आपको पता ही होगा की आजके जेसा अस्पताल या तकनिकी ज्ञान उपलब्ध नही था, परन्तु तब भी मनुष्य आजके मनुष्य से जादा शक्तिशाली और तंदुरस्त रहेता था, आजके मुकावले तब के लोग जादा धुम्रपान अथवा नशा किआ करते थे और शयेद तब नशा एक Fasion था.
क्योंकि पुरातन काल में लोगों को यह ज्ञात था की उनका शारीर ही उनकी संपत्ति है और उसकी तंदुरस्ती जरुरी है इशिलिए तो तब के लोग प्रातः काल में सदेव योग किआ करते थे कसरत करना ध्यान लगाना यह पुराने ज़माने में सबसे अधिक प्रचलित था, अगर आप भी ऐसा कर सकते है तो आप भी ESR से संकेत मिलने वाले बिमारिओं से बच सकते है.
पानी नियमित सेवन करना:
जल ही जीवन है यह बात तो आप जानते ही होंगे, और हमें बचपन में ही बताया और सिखाया जाता है की हमारे शारीर में 75% जल है, इसीलिए अगर जल की कमी हो तो कोई भी जिव जीवित नही रहे सकता तरह तरह की बीमारी घर करने लग जाते है, अगर आप चाहते है की आपको किसी भी तरह का बीमारी ना हो तो आपको नियमित जल का सेवन करना चाहिए.
पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें:
पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना सेहत केलिए सबसे अधिक लाभदायक है, जो भी आपको इनका सेवन करने से रोकता है उसकी बातों को ध्यान न दें, मांसाहारी खाना केवल कुची समय केलिए ही आपको तन्दोरस्त रखते है और इसके बदले में कई बिमारिओं को भी साथ लेट है.
परन्तु पत्तेदार सब्जियां आपके सेहत को सदेव हराभरा रखते है और इसके सेवन से जिव हत्या जेसे पाप से बच सकते है, तो पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, इसके अलावा भी कई ऐसे तरीके है जिनको आप नियमित करते हुए अपने शारीर को तंदुरस्त रख सकते है.
निष्कर्ष:
इस लेख में हमने आपको ESR test in hindi के बारे में जानकारी दी है और यह भी बताया है की केसे आप ESR के घटने और बढ़ने से जो बीमारियाँ अति है उससे केसे बच सकते है, हम आशा करते है की आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपको कुछ neya जानकारी प्राप्त हुई होगी अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरुर करें, और यदि हमसे कोई भूल हुई हो तो हमें ख्यमा करें. धन्यवाद.